Adab Mein Baaeen Pasli : Bhartiyetar Urdu Kahaniyan : Vol. 6
Adab Mein Baaeen Pasli : Bhartiyetar Urdu Kahaniyan : Vol. 6
उर्दू वाले कहानियों को सीमा में नहीं बाँधते हैं, वह हर उस कहानी को उर्दू की समझते हैं जो उर्दू में लिखी गई हो, चाहे लेखक कहीं का हो। हिन्दुस्तान-पाकिस्तान में रहनेवाले, और बाहर के मुल्कों में बसनेवाले उर्दू अदीब जिनकी मूल धरती हिन्दुस्तान रही है चाहे उन्होंने विश्व के किसी कोने में बैठकर कहानी लिखी हो, यहाँ तक कि पाकिस्तानी भी
जहाँ का हर बड़ा कहानीकार आज के भारत में पैदा हुआ था और कल के भारत के हिस्से में बैठकर लिख रहा है। इनकी जड़ें हिन्दुस्तान में गहरे धँसी हुई हैं।
इन कहानियों में ‘अपनी ज़मीन की हुड़क’ तो है और इसीलिए इन कहानियों में छोड़े हुए वतन की यादें घुमड़ती नज़र आती हैं। इसके बावजूद अब वहाँ जिस तरह की ज़िन्दगी वह गुज़ार रहे हैं, यदि उनसे पूछा जाए कि वह भारत या पाकिस्तान लौटना चाहेंगे तो वह शायद इनकार कर दें, जबकि वहाँ सभी लेखक लगभग दो बार या इससे भी ज़्यादा एक जगह से दूसरी जगह जा चुके हैं। पहली महाजरत, सियासत के चलते बँटवारे के कारण भारत से पाकिस्तान की ओर कूच के रूप में, दूसरे आर्थिक कारणों से पाकिस्तान से अन्य देशों की ओर, फिर एक देश से दूसरे देश में रोज़ी-रोटी की तलाश में भटकन। जब पैरों के नीचे ठोस ज़मीन आई और संघर्ष से राहत मिली तो अपनों की याद आई।
कुछ लेखकों को छोड़कर बाक़ी लेखकों की कहानियाँ हिन्दी में पहली बार इस संकलन में
छप रही हैं।
Author: Nasira Sharma
नासिरा शर्मा का जन्म सन् 1948 में इलाहाबाद में हुआ। उन्होंने फ़ारसी भाषा और साहित्य में एम.ए. किया। हिन्दी, उर्दू, अंग्रेज़ी, पश्तो एवं फ़ारसी पर उनकी गहरी पकड़ है। वह ईरानी समाज और राजनीति के अतिरिक्त साहित्य, कला व संस्कृति की विशेषज्ञ हैं। इराक़, अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान व भारत के राजनीतिज्ञों तथा प्रसिद्ध बुद्धिजीवियों के साथ उन्होंने साक्षात्कार किए, जो बहुचर्चित हुए। ईरानी बुद्धिजीवियों पर जर्मन व फ़्रांसीसी दूरदर्शन के लिए बनी फ़िल्म में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान रहा। सर्जनात्मक लेखन में प्रतिष्ठा प्राप्त करने के साथ ही स्वतंत्र पत्रकारिता में भी उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया है।
प्रमुख कृतियाँ : उपन्यास—‘सात नदियाँ एक समन्दर’, ‘शाल्मली’, ‘ठीकरे की मंगनी’, ‘ज़िन्दा मुहावरे’, ‘कुइयाँ जान’, ‘ज़ीरो रोड’, ‘अक्षयवट’, ‘अजनबी ज़जीरा’, ‘पारिजात’, ‘काग़ज़ की नाव’, ‘शब्द पखेरू’, ‘दूसरी जन्नत’; कहानी-संग्रह—‘शामी काग़ज़’, ‘पत्थर गली’, ‘संगसार’, ‘इब्ने मरियम’, ‘सबीना के चालीस चोर’, ‘ख़ुदा की वापसी’, ‘बुतख़ाना’, ‘दूसरा ताजमहल’, ‘इनसानी नस्ल’; ‘अफ़ग़ानिस्तान : बुज़कशी का मैदान’ (सम्पूर्ण अध्ययन दो खंडों में), ‘मरजीना का देश इराक़’; लेख-संग्रह—‘राष्ट्र और मुसलमान’, ‘औरत के लिए औरत’, ‘औरत की दुनिया’, ‘वो एक कुमारबाज़ थी’, ‘औरत की आवाज़’; रिपोर्ताज—‘जहाँ फौव्वारे लहू रोते हैं’; संस्मरण—‘यादों के गलियारे’; अनुवाद—‘शाहनामा फ़िरदौसी’, ‘गलिस्तान-ए-सादी’, ‘क़िस्सा जाम का’, ‘काली छोटी मछली’, ‘पोयम ऑफ़ प्रोटेस्ट’, ‘बर्निंग पायर’, ‘अदब में बाईं पसली’; आलोचना—‘किताब के बहाने’, ‘सबसे पुराना दरख़्त’; विविध—‘जब समय बदल रहा हो इतिहास’।
‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’, ‘व्यास सम्मान’, ‘अन्तरराष्ट्रीय इन्दु शर्मा कथा सम्मान’ आदि से सम्मानित।

