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Prem Ka Anand "premanand"

Prem Ka Anand "premanand"

Prem Ka Anand "premanand"

"प्रेम का आनंद 'प्रेमानंद'" एक प्रेरणादायक आत्मकथा है जो श्री गोविंद शरण प्रेमानंद जी महाराज के आध्यात्मिक जीवन की यात्रा को दर्शाती है। कानपुर के एक छोटे से गाँव से प्रारंभ होकर, उन्होंने 13 वर्ष की आयु में संसारिक बंधनों को त्यागकर सन्यास का मार्ग अपनाया। वाराणसी के घाटों पर तपस्या करते हुए, उन्होंने राधा-कृष्ण भक्ति में स्वयं को समर्पित किया। यह पुस्तक उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं—भक्ति, साधना, संघर्ष और राधा नाम की महिमा—को सरल भाषा में प्रस्तुत करती है, जो पाठकों को आत्मिक शांति और प्रेरणा प्रदान करती है।​

 

Key Features:

  • संत प्रेमानंद जी महाराज के जीवन की प्रेरणादायक कथा।
  • रंगीन चित्रों के माध्यम से भक्ति की अनुभूति।
  • सरल और प्रभावशाली भाषा में आध्यात्मिक संदेश।
  • राधा-कृष्ण भक्ति की महिमा का सुंदर वर्णन।
  • आध्यात्मिक साधकों और भक्ति प्रेमियों के लिए अनमोल धरोहर।​


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Bullets Points:

  • 13 वर्ष की आयु में सन्यास ग्रहण करने की अद्वितीय कथा।
  • वाराणसी से वृंदावन तक की आध्यात्मिक यात्रा।
  • राधावल्लभ संप्रदाय से जुड़ने की प्रेरक कहानी।
  • राधा नाम की महिमा और नाम जप की शक्ति का वर्णन।
  • जीवन के संघर्षों में भक्ति के माध्यम से सकारात्मकता बनाए रखने की सीख।​
  • ISBN : 9789363889286

  • Publisher : Rigi Publication

  • Language : Hindi

  • Author: चारू नागपाल

₹600.00Price
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