Premchand Ki Swatantrata Sangram Kathayen
| अंग्रेज़ी हुकूमत के दौर में लिखी गईं प्रेमचंद की ये 16 कहानियाँ दर्शाती हैं कि विदेशी पराधीनता के विरुद्ध हमारे देश के लोगों ने किस तरह संघर्ष किया और आज़ादी पाई। महात्मा गाँधी के नेतृत्व में चले इस संग्राम के अनेक पक्षों सत्याग्रह, शराबबंदी, नौकरियों का त्याग तथा देशप्रेम को इन कहानियों में लगभग सौ वर्षों के बाद भी जानना सुखद लगता है, क्योंकि ये कहानियाँ याद दिलाती हैं कि यह स्वतंत्रता कितनी कुर्बानियों, कितने परिश्रम और कितनी लम्बी साधना का सुपरिणाम थी। हिन्दी साहित्य के सुपरिचित अध्येता, आलोचक और संपादक डॉ. पल्लव ने प्रेमचंद की कहानियों का यह संकलन तैयार किया है और एक लम्बी भूमिका भी लिखी है। उनकी अनेक मौलिक संपादित किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें 'प्रेमचंद की व्यंग्य कथाएँ',' प्रेमचंद की दलित कथाएँ' तथा' एक दो तीन' उल्लेखनीय हैं। साहित्य संस्कृति के संचयन 'बनास जन' का संपादन कर रहे डॉ. पल्लव को 2008 का भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता का 'युवा पुरस्कार' 2012 का 'आचार्य निरंजननाथ प्रथम कृति सम्मान' तथा 2018 का 'राजस्थान पत्रिका सृजन पुरस्कार', सहित अनेक सम्मान प्राप्त हुए हैं। 2010 से डॉ. पल्लव दिल्ली के प्रतिष्ठित हिन्दू कॉलेज में कार्यरत हैं। |
Publisher : Rajpal and Sons
Author : Pallav
Language : Hindi
ISBN Code : 9789349162945
₹250.00Price

