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Uttaradhikari

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यशपाल के लेखकीय सरोकारों का उत्स सामाजिक परिवर्तन की उनकी आकांक्षा, वैचारिक प्रतिबद्धता और परिष्कृत न्याय-बुद्धि है। यह आधारभूत प्रस्थान बिन्दु उनके उपन्यासों में जितनी स्पष्टता के साथ व्यक्त हुए हैं, उनकी कहानियों में वह ज़्यादा तरल रूप में, ज़्यादा गहराई के साथ कथानक की शिल्प और शैली में न्यस्त होकर आते हैं। उनकी कहानियों का रचनाकाल चालीस वर्षों में फैला हुआ है। प्रेमचन्द के जीवनकाल में ही वे कथा-यात्रा आरम्भ कर चुके थे, यह अलग बात है कि उनकी कहानियों का प्रकाशन किंचित् विलम्ब से आरम्भ हुआ। कहानीकार के रूप में उनकी विशिष्टता यह है कि उन्होंने प्रेमचन्द के प्रभाव से मुक्त और अछूते रहते हुए अपनी कहानी-कला का विकास किया। उनकी कहानियों में संस्कारगत जड़ता और नए विचारों का द्वन्द्व जितनी प्रखरता के साथ उभरकर आता है, उसने भविष्य के कथाकारों के लिए एक नई लीक बनाई, जो आज तक चली आ रही है। वैचारिक निष्ठा, निषेधों और वर्जनाओं से मुक्त न्याय तथा तर्क की कसौटियों पर खरा जीवन—ये कुछ ऐसे मूल्य हैं जिनके लिए हिन्दी कहानी यशपाल की ऋणी
है।

‘उत्तराधिकारी’ कहानी-संग्रह में उनकी ये कहानियाँ शामिल हैं: ‘उत्तराधिकारी’, ‘ज़ाब्ते की कार्रवाई’, ‘अगर हो जाता?’, ‘अंग्रेज़ का घुँघरू’, ‘अमर’, ‘चन्दन महाशय’, ‘कुल-मर्यादा’, ‘डिप्टी साहब’ और ‘जीत की हार’।

 

Author: Yashpal

 

यशपाल

यशपाल का जन्म 3 दिसम्बर1903 को फ़िरोजपुर छावनीपंजाब में हुआ।

उनकी प्रारम्भिक शिक्षा गुरुकुल कांगड़ीडी.ए.वी. स्कूललाहौर और फिर मनोहर लाल हाईस्कूल में हुई। 1921 में वहीं से प्रथम श्रेणी में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की। प्रारम्भिक जीवन रोमांचक कथाओं के नायकों-सा रहा। भगत सिंहसुखदेवबोहरा और आजाद के साथ क्रान्तिकारी कार्यों में खुलकर भाग लिया। 1931 में  हिन्दुस्तान समाजवादी प्रजातंत्र सेना के सेनापति चन्द्रशेखर आजाद के मारे जाने पर सेनापति नियुक्त। 1932 में पुलिस के साथ एक मुठभेड़ में गिरफ्तार। 1938 में जेल से छूटे। तब से जीवनपर्यन्त लेखन कार्य में संलग्न रहे।

उनकी प्रमुख प्रकाशित कृतियाँ हैंझूठा सच : वतन और देशझूठा सच : देश का भविष्यमेरी तेरी उसकी बातदेशद्रोहीदादा कामरेडमनुष्य के रूपदिव्याअमिताबारह घंटेअप्सरा का शाप (उपन्यास)लैम्प शेडधर्मयुद्धओ भैरवीउत्तराधिकारीचित्र का शीर्षकअभिशप्तवो दुनियाज्ञानदानपिंजरे की उड़ानतर्क का तूफानभस्माकृत चिंगारीफूलो का कुर्तातुमने क्यों कहा था मैं सुन्दर हूँउत्तमी की माँखच्चर और आदमीभूख के तीन दिन (कहानी-संग्रह)यशपाल का यात्रा साहित्य और कथा नाटकलोहे की दीवार के दोनों ओरराह बीतीस्वर्गोद्यान बिना साँप (यात्रा-वृत्तान्त)मेरी जेल डायरी (डायरी)यशपाल के निबन्ध (दो खंड)राम-राज्य की कथागांधीवाद की शव परीक्षामार्क्सवाददेखासोचासमझाचक्कर क्लबबात-बात में बातन्याय का संघर्षबीबी जी कहती हैं मेरा चेहरा रौबीला हैजग का मुजरामैं और मेरा परिवेशयशपाल का विप्लव (राजनीति/निबन्ध/व्यंग्य)सिंहावलोकन (सम्पूर्ण 1-4) (दस्तावेज) नशे नशे की बात (संस्मरण)यशपाल रचनावली।

उन्हें देव पुरस्कार’, ‘सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार’, ‘मंगला प्रसाद पारितोषिक’, ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’, ‘साहित्य वारिधि’, ‘पद्मभूषण’ आदि से सम्मानित किया गया।

निधन : 26 दिसम्बर1976

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